झारखंड के राज्यपाल ने दी सरकार की योजनाओं की प्रशंसा, भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया. सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण हुआ. जिसमें उन्होंने राज्य सरकार के उपलब्धियों का बखान किया. बजट सत्र से पहले राज्यपाल संतोष गंगवार को गार्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया. विपक्ष के विरोध के बीच सदन में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू हुआ. जिसमें उन्होंने सरकार की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना और अबुआ आवास योजना की तारीफ करते हुए इसे एक शानदार योजना बताया. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है.
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गयी मंईयां सम्मान योजना
राज्यपाल संतोष गंगवार ने अपने अभिभाषण कहा कि हमारी सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. इसके तहत फूलो झानो आशीर्वाद योजना, मंईयां सम्मान योजना की शुरूआत की गयी. इसके अलावा हमारी सरकार अबुआ आवास योजना के तहत 31 मीटर में 3 कमरों वाला मकान बनाने के लिए 2 लाख रुपये की सहायता राशि देती है. साथ ही साथ किसानों के 2 लाख रुपये तक लोन कृषि ऋण माफी योजना के तहत माफ कर दिये गये.
रोजगार सुनिश्चित करने के लिए 81 भर्ती कैंप का आयोजन
झारखंड विधानसभा के सदन में राज्यपाल संतोष गंगवार ने सरकार द्वारा रोजगार की दिशा में किये गये कार्यों का भी बखान किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने को लेकर हमारी सरकार ने 63 रोजगार मेले में 81 भर्ती कैंप आयोजित किये. साथ ही सरकारी क्षेत्र में भी हर संभव लोगों को राजगार दिलाने का प्रयास जारी है. खादी ग्राम योजना के तहत भी लोगों को रोजगार दिलाने का प्रयास जारी है.
राज्यपाल ने बदलते इंफ्रास्ट्रक्चर का भी किया बखान
राज्यपाल ने झारखंड के विकास में बदलते इंफ्रास्ट्रक्चर का बखान करते हुए रांची में बन रहे कांटाटोली फ्लाइओवर का जिक्र किया. साथ ही रांची को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर किये जा रहे कार्यों को भी बताया. उन्होंने कहा कि अभी राजधानी में ही लोगों पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 1430 डीप बोरिंग की जा रही है. एसटी एससी छात्रों के लिए जयपाल सिंह मुंडा स्कॉलरशिप योजना की शुरूआत की गयी है.
दुमका और बोकारो में लिया गया है 3 आवासीय विद्यालय बनाने का फैसला
राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 3 आवासीय विद्यालय दुमका और बोकारो में बनाने का निर्णय लिया है. इसके अलावा मातृ भाषा आधारित सामाग्रियों को विकसित किया जा रहा है. अनाथ और दिव्यांग छात्रों के लिए वाल्मीकि छात्रवृति की शुरुआत की गयी है. 2100 से अधिक विद्यालयों में किचन गार्डन की स्थापना की गयी है. साथ ही आईसीटी कार्यक्रम के तहत डिजिटल स्मार्ट क्लास की उपलब्धता करायी गयी है.