वास्तु शास्त्र में हर दिशा का अपना महत्व बताया गया है. मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति वास्तु के अनुसार चीजें रखे तो उसके घर में सुख समृद्धि और शांति बनी रहती है. इसके विपरीत यदि कोई चीज वास्तु के प्रतिकूल रख दी जाए तो घर में कलह और अंशाति का तांडव मचा रहता है. इन्हीं वस्तुओं में से एक है शीशा जिसका सही दिशा में रखा होना बेहद जरूरी होता है.

शीशा तो हर किसी के घर में होता है लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हैं जो इसे रखने का सही तरीका जानते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मौजूद शीशा यदि अनुकूल दिशा में हो तो व्यक्ति का भाग्योदय हो जाता है और यदि दिशा प्रतिकूल हो तो यह घर को दरिद्रता से भर देता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि ज्योतिषाचार्य व वास्तुशास्त्र सलाहकार डॉ. अरविंद पचौरी से कि अगर हमारे घर और ऑफिस में शीशा दक्षिण दिशा में रखा हुआ है तो ये इसके क्या परिणाम मिलते हैं.

गृह क्लेश का बनता है कारण
यदि आपके घर में भी आय दिन अशांति फैली रहती है या गृह क्लेश होते रहते हैं तो इसका बड़ा कारण दक्षिण दिशा में लगा हुआ शीशा हो सकता है.

कंगाली से पड़ सकता है पाला
अगर आपके घर में भी दक्षिण दिशा में शीशा लगा हुआ है तो इसे जल्द से जल्द हटा दें, क्योंकि इस शीशे के अशुभ प्रभाव से आप कंगाल भी बन सकते हैं. इसलिए शीशा लगाने की सही दिशा चुनें जिससे की आपकी तरक्की के अवसर ना रुकें.

नकारात्मक ऊर्जा को देता है आमंत्रण
दक्षिण दिशा में लगा हुआ शीशा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है. इसके साथ ही इस स्थान पर आईना लगाने से घर में तनावपूर्ण माहौल बनता है और परिवार के लोगों में आपस में लड़ाई झगड़े और बहस का कारण बनता है. इस दिशा में लगा आईना आपके घर में तनाव की स्थिति भी उत्पन्न कर सकता है.

करियर को कर सकता है चौपट
घर की दक्षिण दीवार पर अगर शीशा लगा रखा है तो उसे वहां से हटा लें क्योंकि ये आपके करियर और व्यापार को चौपट कर सकता है. इसके साथ ही शीशे की यह स्थिति आपके घर में बरकत को नष्ट करता है और आपको कई नुकसान पहुंचा सकता है.

दक्षिण दिशा में शीशा होने पर क्या करें
यदि आपके घर या दफ्तर में भी दक्षिण दिशा में शीशा लगा हुआ है तो शीशे को तुरंत हटा दें. यदि किसी कारणवश शीशा हटाया नहीं जा सकता तो उसे ढक कर रखना ही सर्वोत्तम उपाय है.