मंच विवाद ने लिया राजनीतिक मोड़: दिग्विजय सिंह की मंच से दूरी की घोषणा

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह अब कभी मंच पर नहीं बैठेंगे। मंच के नीचे बैठेंगे। जब उनके बोलने की बारी आएगी, तभी वो मंच पर चढ़ेंगे। दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेताओं से मंच की लड़ाई खत्म करने की अपील की है।
दिग्विजय सिंह सोमवार को ग्वालियर के फूलबाग में कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली को संबोधित कर रहे थे। दिग्विजय सिंह ने कहा-
मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि मंच की लड़ाई समाप्त करें। आपसे अनुरोध करता हूं कि मैं अब कांग्रेस या किसी भी मंच पर नहीं बैठूंगा। मैं नीचे बैठ जाऊंगा। बस इतना अनुरोध है कि जब बोलने का अवसर आए, तब मुझे बुला लिया जाए। कृपया मंच की लड़ाई को समाप्त कर दीजिए।दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो लोग लाते हैं, वे बेचारे रह जाते हैं, और हमारे लोग मंच पर आ जाते हैं। इन बातों पर ध्यान दीजिए। दरअसल, ग्वालियर में हुए कांग्रेस के इस कार्यक्रम में करीब 4 से 5 हजार नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। मंच पर बैठने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में विवाद हुआ। जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने मंच से ही ये बातें कहीं।
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मौन रखकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
पटवारी बोले- सिंधिया ने चुनी हुई सरकार गिरा दी
कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कहा कि उन्होंने विधायकों को दल बदलवाकर एक चुनी हुई सरकार को गिरा दिया। उन्होंने कहा था कि वह सड़क पर उतरेंगे, क्योंकि उनका अपमान हो रहा है। उन्होंने इसे संविधान पर आघात बताया और आपके दिए हुए वोट को चुनौती दी। अगर यह संविधान खतरे में नहीं था, तो फिर और क्या था?पटवारी ने कहा, आज वही ज्योतिरादित्य सिंधिया देश में मंत्री बने हुए हैं। उन्हें संविधान ने ही वह पद दिया है। जिस प्रकार संविधान उन्हें मंत्री बनने का अधिकार देता है, उसी प्रकार यही संविधान आपको भी आपकी संपत्ति, आपका मकान, आपकी दुकान, आपकी जमीन और आपकी जायदाद पर अधिकार देता है। इसलिए, उस पर मालिकाना हक आपका है, और यह अधिकार भी आपको संविधान से ही प्राप्त हुआ है।