दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का बड़ा भंडाफोड़ करते हुए करीब 100 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त की है. साथ ही पांच नाइजीरियन तस्करों को गिरफ्तार किया है. यह नेटवर्क नाइजीरियन ड्रग माफिया Callistus उर्फ Kalis ऑपरेट कर रहा था, जिसका संचालन नाइजीरिया में कॉल सेंटर जैसे सेटअप से होता था.

इसमें ग्राहक वॉट्सऐप के जरिए ड्रग्स ऑर्डर करते थे और दिल्ली-NCR में नाइजीरियन नागरिक ‘फूड डिलीवरी ऐप’ स्टाइल में कोकीन और एमडीएमए जैसे नशे पहुंचाते थे.

13 जून को मिला पहला सुराग

इस मामले में शुरुआती सुराग 13 जून को मोती नगर के एक कूरियर सेंटर से मिला. यहां से महिलाओं के कपड़ों और जूतों के बीच छुपाकर भेजी जा रही 895 ग्राम एमडीएमए की खेप पकड़ी गई. जांच के दौरान 2.7 किलो कोकीन, 1 किलो से ज्यादा एमडीएमए और 1 किलो गांजा बरामद हुआ.

फर्जी पासपोर्ट पर भारत में एंट्री

मुख्य आरोपी कामेनी फिलिप, जो मूलतः कैमरून का नागरिक है, 2017 में नाइजीरियन पासपोर्ट पर भारत आया और ड्रग सिंडिकेट से जुड़ा. उसे भारत से डिपोर्ट किया गया था, लेकिन इस साल मार्च में उसने फर्जी कैमरून पासपोर्ट पर दोबारा एंट्री ली और दिल्ली के छतरपुर में ड्रग नेटवर्क दोबारा एक्टिव किया. फिलिप की गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि यह गिरोह नाइजीरिया से वॉट्सऐप कॉल्स और वॉयस नोट्स के जरिए भारत में अपने एजेंट्स को निर्देश देता था.

ड्रग्स की डिलीवरी के लिए एजेंट्स को ग्राहकों की कार नंबर और लोकेशन भेजी जाती थी. फिलिप और उसका सहयोगी मिलकर पूरे नेटवर्क को दिल्ली में चला रहे थे, जबकि वसंत कुंज, किशनगढ़, मुनिरका और नोएडा में लोकल डिलीवरी एजेंट्स जैसे ‘विक्टर’ और ‘टॉल गॉय’ ड्रग्स पहुंचाते थे.

प्रोफेशनल तरीके से ड्रग्स की डिलीवरी

इस नेटवर्क की खास बात यह थी कि ड्रग्स की डिलीवरी एकदम प्रोफेशनल तरीके से की जाती थी. डिलीवरी एजेंट्स चेक शर्ट पहनकर और तय जगहों पर ग्राहक से संपर्क करते थे. ग्राहकों से नकद भुगतान लेकर उसे अगले स्तर के एजेंट को सौंपा जाता था, ताकि कोई भी एजेंट पूरे नेटवर्क की जानकारी न जान सके. यह गिरोह न केवल भारत में ड्रग्स सप्लाई कर रहा था, बल्कि एमडीएमए को न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, जापान और यूके जैसे देशों में भी एक्सपोर्ट कर रहा था.

हवाला के जरिए करोड़ों का लेनदेन

पूरी कार्रवाई में दिल्ली पुलिस ने 2703 ग्राम कोकीन, 1041 ग्राम एमडीएमए, 1028 ग्राम गांजा, लाखों की नकदी, एक होंडा सिटी कार, कई मोबाइल, पासपोर्ट और ड्रग्स की बिक्री से जुड़े रजिस्टर जब्त किए हैं. साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि यह सिंडिकेट हवाला के ज़रिए करोड़ों का लेनदेन कर रहा था. पिछले 6 महीने में करीब 85 करोड़ नाइरा (नाइजीरियन करेंसी) का अवैध ट्रांजैक्शन इस गिरोह के जरिए हुआ है. पुलिस ने अब तक गिरोह के मास्टरमाइंड Callistus सहित नेटवर्क से जुड़े कई अहम लोगों की पहचान कर ली है और अन्य की तलाश जारी है.